स्वस्थ और पौष्टिक आहार सिर्फ शरीर को पोषण ही नहीं देते हैं, इससे शरीर निरोगी भी होता है। अध्ययनों में पाया गया है कि आहार में पर्याप्त पौष्टिकता का ध्यान रखकर कई प्रकार की बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है। अगर हम सिर्फ आहार में ही सुधार कर लें तो इससे करीब 40 फीसदी क्रोनिक बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते हैं। हृदय रोग-डायबिटीज जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव में भी पौष्टिक आहार से लाभ मिल सकता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि हृदय रोग के अधिकतर मामले धमनियों में प्लाक बनने से संबंधित होते हैं। प्लाक बनने से रक्त के सामान्य प्रवाह में बाधा आ जाती है, जिसके कारण हृदय को पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं मिल पाता है। इस तरह की समस्याओं से बचाव करने में भी आहार में सुधार करके विशेष लाभ पाया जा सकता है।
धमनियों में प्लाक से हृदय रोगों का खतरा
धमनियों में प्लाक बनने का मतलब धमनियों की भीतरी दीवारों पर वसायुक्त जमाव, कोलेस्ट्रॉल बढऩे से है। इस स्थिति को एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है और यह विभिन्न हृदय रोगों का प्रमुख कारक मानी जाती है। आहार में गड़बड़ी के कारण वसा के जमाव का खतरा अधिक हो जाता है। गड़बड़ खानपान के कारण कम उम्र के लोगों में भी इस समस्या को तेजी से बढ़ते हुए देखा जा रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कुछ खाद्य पदार्थ धमनियों में प्लाक को कम करने और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। सभी लोगों को आहार में इनकी मात्रा जरूर बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।
नट्स और स्वस्थ तेल
हृदय रोगों से बचाने और धमनियों को स्वस्थ रखने में नट्स के सेवन को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। बादाम और अखरोट जैसे मेवे स्वस्थ वसा, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। इनसे बैड कोलेस्ट्रॉल और शरीर में सूजन की समस्या कम होती है। ज्यादातर नट्स में एल-आर्जिनिन नामक एमिनो एसिड होता है जो स्वस्थ रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने में सहायक है।
नट्स की ही तरह खाने के लिए स्वस्थ तेल का चयन करना भी आवश्यक है। ऑलिव ऑयल में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैट और एंटीऑक्सीडेंट, शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मददगार हैं। ऑलिव ऑयल का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर और धमनियों में प्लाक बनने की समस्या कम हो सकती है।
हल्दी का करें सेवन
हल्दी को कई प्रकार से सेहत के लिए लाभकारी माना जाता रहा है। शोधकर्ता बताते हैं, हल्दी में करक्यूमिन नामक यौगिक होता है, जो एंटी-इंलामेटरी गुणों के लिए जाना जाता है। यह धमनियों में सूजन को कम करने और प्लाक के निर्माण को रोकने में मददगार हो सकता है। करक्यूमिन को अध्ययनों में रक्त के थक्कों के जोखिम को कम करके, बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी फायदेमंद पाया गया है।
भोजन के अलावा रोजाना एक कप हल्दी वाले दूध के सेवन से शरीर को लाभ मिल सकता है।
लहसुन में होते हैं कारगर यौगिक
लहसुन हमारे किचन में मौजूद अति प्रभावी औषधि है जिसे एंटी-इंलामेटरी प्रभावों के लिए जाना जाता है। लहसुन में एलिसिन नामक यौगिक होता है जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और धमनियों में प्लाक के निर्माण को रोकने में मदद करता है। रक्तचाप को कम करने, रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने और रक्त के थक्कों के जोखिम को कम करने में भी लहसुन के सेवन को लाभकारी पाया गया है। आहार में लहसुन को जरूर शामिल करें।