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कांग्रेस से आए नेताओं ने फंसाया भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चुनाव में पेच, जानें पूरा मामला

Byeditor

Jan 23, 2025

शिमला | कांग्रेस से भाजपा में गए नेताओं ने भी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चुनाव का पेच फंसा दिया है। भाजपा के अलग-अलग गुटों की असहमति के बीच पार्टी प्रदेशाध्यक्ष की यह नियुक्ति अभी आगे सरक सकती है। अलग-अलग खेमों में वर्चस्व की जंग के चलते अभी तक दो मंडल अध्यक्षों पर भी सर्वसम्मति नहीं बनी है। भाजपा के सभी 17 जिलों के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं, लेकिन देहरा विधानसभा हलके के दो मंडल अध्यक्षों का चयन अभी तक नहीं हो पाया है। यह चयन भी गुटबाजी ने फंसाया है और इसका असर प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव में भी दिखेगा। आगामी दिनों में चुनाव प्रभारी जितेंद्र सिंह इन सभी नेताओं के विचार जानेंगे। उनके समक्ष प्रदेशाध्यक्ष पर सहमति बनाने की बड़ी चुनौती होगी।

भाजपा में जाने वाले बड़े नेताओं में हर्ष महाजन अग्रणी
कांग्रेस से भाजपा में जाने वाले बड़े नेताओं में हर्ष महाजन अग्रणी हैं। वह कांग्रेस के जिन विधायकों और निर्दलियों की क्रॉस वोटिंग से राज्यसभा सांसद बने, वही अब अपने-अपने हलकों में अपने वर्चस्व के लिए सक्रिय हो गए हैं। इनमें से तीन विधायक तो दोबारा से विधानसभा की दहलीज लांघ गए। मगर छह तत्कालीन विधायकों को इस तरह से कैरियर को दांव पर लगाना महंगा पड़ा और वह चुनाव हार गए। अब ये भाजपा का दामन थामकर पार्टी के अंदर अस्तित्व की जंग लड़ रहे हैं। चुनाव हारने के बाद घर बैठने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायकों में सुजानपुर से राजेंद्र राणा, गगरेट से चैतन्य शर्मा, कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो और लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर हैं। निर्दलीय विधायकों में देहरा से होशियार सिंह और नालागढ़ से केएल ठाकुर हैं।

ये नेता भाजपाइयों की आंख की किरकिरी बन गए
कांग्रेस की विधायकी छोड़कर भाजपा के विधायक बने धर्मशाला से सुधीर शर्मा और बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल हों या निर्दलीय विधायक के पद से इस्तीफा देकर भाजपा विधायक बने आशीष शर्मा ही हों, स्वाभाविक रूप से यह सब नेता भाजपा में अपने लिए खास जगह चाहते हैं। इसी वजह से ये नेता अंदरखाते अपने क्षेत्रों में पैठ रखने वाले भाजपाइयों की आंख की किरकिरी बन गए हैं। इसीलिए मंडलों के अध्यक्षों के चुनाव के दौरान अंदरखाते इन नेताओं के सुझाए नामों पर भाजपा के अन्य नेताओं की खूब रस्साकशी होती रही। मंडल अध्यक्षों को तय करने में एक महीने से ज्यादा का अतिरिक्त समय लग गया। देहरा के दो मंडलों में तो अभी तक पेच फंसा हुआ है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से भी मिला गुट

कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए इन नेताओं का गुट भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से भी मिला। सूत्रों के अनुसार अब कांग्रेस से भाजपा में गए इन नेताओं का यह समूह भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव पर भी अपनी बात मनवाने पर अड़ने लगा है। अगर इन नेताओं के गुट की चली तो भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव के लिए निर्णय भी चौंकाने वाला हो सकता है। पर इतना तो तय माना जा रहा है कि पार्टी प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति इस वजह से भी आगे सरक रही है, जो जनवरी के अंत में संभावित रही है, मगर फरवरी के पहले सप्ताह तक भी सरक सकती है।

हाईकमान की सहमति से होगा देहरा के मंडल अध्यक्षों पर फैसला
वहीं, उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर देहरा से चुनाव लड़ने वाले होशियार सिंह ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र देहरा में भाजपा के दो मंडल अध्यक्षों पर अभी फैसला नहीं हुआ है। जो भी फैसला होगा, वह हाईकमान की सहमति से लिया जाएगा।

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