चेन्नई। तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में जहरीली शराब लोगों के लिए अभिशाप बन गई। शराब पीने से मरने वालों की संख्या का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तक जहरीले शराब पीने से 57 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकांश लोग दलित समाज से है। जिला प्रशासन ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। करीब 156 लोगों का विभिन्न सरकारी अस्पतालों में इलाज जारी है। वहीं इस मामले को लेकर सीएम एम् के स्टालिन ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने पूरे मामले में सीबीसीआईडी जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता का ऐलान किया है।
तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में बीते 21 जून को जहीरीली शराब पीने के कारण लोगों की हालत बिगड़ गई। लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान 57 लोगों की मौत हो गई है। जबकि अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौजूदा समय में 156 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रह है। इनमें कल्लाकुरिची मेडिकल अस्पताल में 110 लोग भर्ती हैं। 12 लोगों को पुडुचेरी में भर्ती कराया गया है, जबकि 20 लोगों का सलेम और चार का विल्लुपुरम सरकारी अस्पताल में इलाज जारी है।
सरकारी कल्लकुरिची मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 32, सलेम के सरकारी मोहन कुमारमंगलम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 18 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकारी विल्लुपुरम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 4 और पुडुचेरी के जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च में 3 लोगों की जान गई है। सीएम की सख्ती के बाद इस मामले में जिला एसपी समय सिंह मीना को निलंबित कर दिया है। उनकी जगह रजत चतुर्वेदी को नियुक्त किया गया है। कलेक्टर श्रवण कुमार जाटावत की जगह एमएस प्रशांत को नियुक्त किया गया है। प्रवर्त्तन आबकारी (शराबबंदी प्रवर्तन शाखा) अधिकारी सहित तीन आबकारी निरीक्षक और तीन उपनिरीक्षकों को भी निलंबित किया गया है। मामले में सीबीसीआईडी को जांच सौंपी गई है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जहरीली शराब पीकर जान गंवाने वालों के बच्चों की शिक्षा और छात्रावास का खर्च उठाएगी। जिन बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया, उन्हें सरकार 18 साल की उम्र तक पांच हजार रुपये मासिक सहायता प्रदान करेगी। बच्चों के नाम पर पांच लाख रुपये तुरंत डिपॉजिट के तौर पर जमा किया जाएगा। नाबालिग के 18 साल होते ही वह ब्याज समेत इस पैसे को निकाल सकता है। जिन बच्चों ने माता-पिता में से एक को खो दिए, उनके नाम पर तीन लाख रुपये डिपॉजिट के तौर पर जमा किया जाएगा। इसके साथ ही सभी कल्याणकारी परियोजनाओं में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। मद्रास उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को शराब त्रासदी के लिए फटकार लगाई है। अदालत ने पिछले साल की त्रासदी का हवाला देते हुए कहा, आपने इसे कैसे होने दिया? भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने कहा कि पिछले वर्ष जहरीली शराब पीने से हुई 22 मौतों से भी डीएमके ने कोई सबक नहीं सीखा है।