• Thu. Nov 21st, 2024

जालंधर उपचुनाव को लेकर शिरोमणि अकाली दल का ऐलान, अपने उम्मीदवार की जगह बसपा को समर्थन देंगे

ByAap Ka Saamna

Jul 1, 2024

चंडीगढ।़ पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने आधिकारिक तौर पर अपनी उम्मीदवार सुरजीत कौर का समर्थन ना देने का ऐलान कर दिया है। चंडीगढ़ में अकाली दल की हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में वक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अकाली दल का बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन है और जालंधर वेस्ट में उन्हीं का समर्थन किया जाएगा।

डॉ. चीमा ने कहा कि बीबी जागीर कौर और पूर्व अकाली विधायक गुरप्रीत सिंह वडाला ने पार्टी से पूछे बिना उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में हम उक्त उपचुनाव में सुरजीत कौर का समर्थन नहीं करेंगे। सिलेक्शन कमेटी के सदस्य व अकाली दल विधायक डॉ. सुखविंदर सुक्खी ने बताया कि जिस दन जालंधर में चयन कमेटी की बैठक हो रही थी, तभी सुखबीर बादल का बीबी जगीर कौर को फोन आ गया था। जिसमें सुखबीर बादल ने स्पष्ट कर दिया था कि जालंधर वेस्ट सीट बहुजन समाज पार्टी की है और अकाली दल उन्हें ही समर्थन करेगी।

अकाली दल में पार्टी प्रधान का विरोध करने वाले गुट ने भी चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुखबीर बादल को हटाने की फिर मांग रखी।

जानबूझ कर उतारा सुरजीत कौर को

डॉ. चीमा ने आरोप लगाया है कि बीबी जगीर कौर और वडाला ने सुरजीत कौर को जानबूझ कर चुनावी मैदान में उतारा। वे गरीब परिवार के हैं। उन्होंने ये भी नहीं सोचा कि बीबी सुरजीत कौर ये चुनाव कैसे लड़ेंगी। उनकी आर्थिक मदद तक नहीं की गई।

जबकि सुरजीत कौर भी जानती थी कि उनका नॉमिनेशन कभी भी वापस लिया जा सकता है।

डॉ. चीमा ने बताया कि अकाली दल बुधवार शाम नॉमिनेशन वापस लेने और बहुजन समाज पार्टी को समर्थन देने के लिए रिटर्निंग ऑफिसर के पास पहुंचा भी था, लेकिन समय निकल जाने के कारण ऐसा नहीं हो पाया।

प्रधान का नाम खराब करने के लिए ऐसा किया गया

डॉ. चीमा ने आरोप लगाया कि विरोध जता रहे सदस्यों ने जानबूझ कर पार्टी प्रधान का नाम खराब करने के लिए ये कदम उठाया। उनकी मंशा थी कि अकाली दल दोबारा से बुरी हार का सामना करे और पार्टी प्रधान सुखबीर बादल का नाम खराब हो।

पार्टी का विरोध करने वाले नेता लगातार प्रेस-कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं और पार्टी प्रधान बदलने की बात सामने रख रहे हैं। लेकिन साथ ही ये भी कह रहे हैं कि उनमें से किसी को पार्टी प्रधान नहीं बनना। अगर उन्हें पार्टी प्रधान नहीं बनना तो किस बात का विरोध किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *