आकसा षिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार 3-6 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों के लिए हिमाचल प्रदेश प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा अनुशिक्षक योजना शुरू करने जा रही है ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में प्राथमिक विद्यालयों में 6,297 प्री-प्राइमरी अनुभाग संचालित किए जा रहे हैं, जहां लगभग 60 हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त इन प्राथमिक विद्यालयों के परिसरों में 2,377 आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत राज्यों के शिक्षा विभाग को व्यापक प्रारंभिक बाल्य देखभाल और शिक्षा कार्यक्रम तैयार करने का सुझाव दिया गया है। शिक्षा विभाग प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा कार्यक्रम के सभी चार प्रारूपों को लागू करेगी। उन्होंने कहा कि इन चार प्रारूपों के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों, प्राथमिक विद्यालयों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों, पूर्व में स्थापित प्री-प्राइमरी स्कूलों में पढ़ रहे 5-6 वर्ष की आयु के बच्चे और प्री-प्राइमरी स्कूलों को शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 6,297 विद्यालयों के लिए राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षा परिषद् के नियमानुसार अनुशिक्षक रखेगी। सरकार की यह पहल बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उनके सर्वांगीण विकास की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विद्यार्थियों को उनके घर के समीप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाना और शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार का समावेश करना प्रदेश सरकार का मूल ध्येय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षकों के विभिन्न पदों को भरने जा रही है और इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है ताकि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने जा रही है।