मुंबई। जीत के बाद महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई।
मेरा पानी उतरता देख, किनारों पर घर मत बसा लेना… मैं समंदर हूं, लौटकर वापस आऊंगा।
देवेंद्र फडणवीस ने दुष्यंत कुमार का यह शेर 1 दिसंबर 2019 को महाराष्ट्र विधानसभा में पढ़ा था। 28 नवंबर 2019 को भाजपा से अलग होकर उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उद्धव ठाकरे की वजह से ही फडणवीस सीएम बनते-बनते रह गए थे।
5 साल पूरे होने के 5 दिन पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया। भाजपा 149 सीटों पर लड़ी, 132 सीटें जीतीं। उसके गठबंधन ने 288 सीटों में से रिकॉर्ड 230 सीटें जीतीं।
भाजपा का स्ट्राइक रेट 88 प्रतिषत रहा। हालांकि, वोट शेयर (26.77 प्रतिषत ) में मामूली इजाफा हुआ। 2019 के चुनाव में वोट शेयर 26.10 प्रतिषत था। 0.67 प्रतिषत वोट मार्जिन के साथ भाजपा को 27 सीटों का फायदा हुआ।
महा विकास अघाड़ी को 46 सीटें मिलीं
कांग्रेस नेतृत्व वाले महा विकास अघाड़ी को 46 सीटें मिलीं। इस चुनाव में मुकाबला 6 बड़ी पार्टियों के दो गठबंधन में था। महायुति में भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) शामिल है, जबकि महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और एनसीपी (शरद पवार)।
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग हुई थी। 2019 के मुकाबले इस बार 4 प्रतिषत ज्यादा वोटिंग हुई। 2019 में 61.4 प्रतिषत वोट पड़े थे। इस बार 65.11 प्रतिषत वोटिंग हुई।