शिमला | जिला अदालत शिमला ने हिमाचल प्रदेश में एक केबल ऑपरेटर से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) डॉ. परविंदर सिंह अरोड़ा की अदालत ने आरोपी नरेंद्र सिंह रावत निवासी उत्तराखंड (वर्तमान पता-ग्रेटर नोएडा (पश्चिम), गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश) को जमानत पर रिहा करने से इन्कार किया है।
न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप पुख्ता हैं और गंभीर प्रकृति के हैं। खास तौर पर उस वरिष्ठ पद को देखते हुए, जिस पर वह आसीन है। इस स्तर पर उसे जमानत पर रिहा करना न्याय के हित में नहीं होगा। आरोपी पिछले 18 दिनों से कैथू जेल में न्यायिक हिरासत में है। शिकायतकर्ता केबल ऑपरेटर ने शिमला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को शिकायत दी थी। इसके बाद सीबीआई ने 2 जनवरी को सिरमौर के एक केबल ऑपरेटर से अनुपालन मामलों में लाभ पहुंचाने के लिए कथित तौर पर एक लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में नरेंद्र को नई दिल्ली से गिरफ्तार किया था। उसे रिश्वत की रकम के साथ रंगेहाथ पकड़ गया था।
आरोपी ने कथित तौर पर ऑपरेटर से राज्य के अन्य पांच लाइसेंसधारक केबल ऑपरेटरों की ओर से तिमाही निष्पादन रिपोर्ट जैसे नियामक दस्तावेजों के मूल्यांकन में पक्षपात के लिए रिश्वत देने को भी कहा था। सीबीआई के मुताबिक रिश्वत का उद्देश्य मंत्रालय से उनके लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश न करना था। उधर, सीबीआई का तर्क है कि रिश्वत लेने के मामले में ट्राई के अन्य अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। यह भी तर्क दिया गया है कि इस मामले से संबंधित कुछ दस्तावेज अभी भी आरोपी के विभाग से एकत्र किए जाने हैं।