हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। कांग्रेस सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग से भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन जीत गए हैं। बुधवार को कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया । उन्होंने कांग्रेस की सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा। जानकारों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह भाजपा का दामन थाम सकते हैं। भाजपा नेता तेजेंद्र सिंह बग्गा ने अपने ट्वीट में कहा है कि विक्रमादित्य सिंह, कट्टर सनातनी हैं। वे अयोध्या के राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पहुंचे थे। खास बात है कि उस वक्त कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अयोध्या नहीं पहुंचा था। हिमाचल प्रदेश से केवल विक्रमादित्य सिंह ही नहीं, बल्कि उनके साथी विधायक सुधीर शर्मा ने भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया था।राज्यसभा की हार ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की गुटबाजी को उजागर कर दिया है। चुनाव के बाद से ही प्रदेश में कांग्रेस के दो धड़े नजर आ रहे थे। इनमें एक धड़ा वीरभद्र सिंह समर्थकों का है, तो दूसरा धड़ा सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का है। अयोध्या में जब राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित हुआ, तो उस वक्त कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को निमंत्रण मिला था, लेकिन उन्होंने वहां पहुंचने में असमर्थता जताई थी। खास बात है कि पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह,विधायक सुधीर शर्मा प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने के लिए अयोध्या पहुंच गए थे। तब से ही कांग्रेस पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था।