लिवर हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। रक्त को प्रोसेस करने, इसका ब्रेक डाउन और पोषक तत्वों के अवशोषण में लिवर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आमतौर पर माना जाता है कि लिवर का काम सिर्फ पाचन का है पर असल में इसकी और भी कई प्रकार की महत्वपूर्ण भूमिकाएं हैं। रिपोर्ट्स बताती हैं कि समय के साथ लिवर से संबंधित कई प्रकार की बीमारियों के मामले काफी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इतना ही नहीं कम उम्र के लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि लिवर रोगों के कारण सालाना दो मिलियन (20 लाख) से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। दुनियाभर में होने वाली प्रत्येक 25 में से एक मौत के लिए लिवर की समस्या को कारण माना जाता है। लिवर की बढ़ती बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करने और लिवर रोगों से बचाव को लेकर शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस मनाया जाता है।
क्या आपका लिवर स्वस्थ है, कहीं इसमें कोई दिक्कत तो नहीं? आइए जानते हैं कि इसकी किस प्रकार से पहचान की जा सकती है?
कैसे जानें कि स्वस्थ है आपका लिवर?
सामान्य तौर पर यदि आपके मूत्र का रंग हल्का है और मल त्याग भी नियमित है, तो यह संकेत माना जाता है कि आपका लिवर सही ढंग से काम कर रहा है। स्वस्थ लीवर ग्लाइकोजन का उत्पादन करता है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। ऐसे में जब लिवर स्वस्थ रहता है तो आप ऊर्जावान महसूस करते हैं।
डॉक्टर कहते हैं, यह सुनिश्चित करना कि आपका लिवर स्वस्थ रहे, सभी लोगों की सर्वाेच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। लिवर कितना ठीक है इसको निश्चित रूप से जानने का एकमात्र तरीका रक्त परीक्षण कराना है। हालांकि कुछ संकेत बताते हैं कि लिवर स्वस्थ नहीं है, ऐसे लक्षणों पर निरंतर ध्यान देते रहना चाहिए।
लिवर में होने वाली समस्याओं के लक्षण
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, लिवर की बीमारियों में हमेशा लक्षण नजर आना जरूरी नहीं है। हालांकि जैसे-जैसे समस्या बढ़ती जाती है आपको कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव हो सकता है। लिवर की बीमारी वाले लोगों को अक्सर पेट में दर्द और सूजन महसूस होते रह सकता है। इसके अलावा चूंकि लिवर रक्त का साफ करता है, लिवर में दिक्कत होने के कारण खून में अशुद्धि बढऩे लगती है जिससे पैरों और टखनों में सूजन, त्वचा में खुजली हो सकती है। कुछ लोगों को गहरे रंग का पेशाब होने, लगातार थकान रहने की भी समस्या हो सकती है।
बार-बार पीलिया होना एक संकेत
जिन लोगों को लिवर की बीमारी होती है उन्हें अक्सर पीलिया की समस्या होती रहती है। लिवर के ठीक तरीके से काम न करने की स्थिति में रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा बढऩे लगती है। इसकी अधिकता आंखों और त्वचा में पीलापन पैदा करता है जिससे आपको पीलिया के लक्षण होने लगते हैं।
पीलिया आमतौर पर लिवर की बीमारी का एक लक्षण माना जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपकी क्षतिग्रस्त लिवर कोशिकाएं बिलीरुबिन को संसाधित नहीं कर पाती हैं। बिलीरुबिन आपके रक्त में चला जाता है।
नींद की समस्या होना
नींद की दिक्कतों के बढऩे को क्रोनिक लिवर डिजीज (सीएलडी) का एक सामान्य संकेत माना जाता है। सीएलडी वाले 60-80 प्रतिषत मरीज नींद की समस्या रिपोर्ट करते हैं। नींद में खलल, अनिद्रा, अक्सर रात में नींद टूट जाने की समस्या को लिवर रोग का संकेत माना जाता है। नींद की समस्याओं के कई और भी कारण हो सकते हैं, हालांकि अगर आपको पाचन में दिक्कतों के साथ, पीलिया की भी समस्या रहती है तो इसे लिवर की बीमारियों का संकेतक माना जा सकता है।