कैंसर, वैश्विक स्तर पर मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक रहा है। हर साल लाखों लोगों की मौत कई प्रकार के कैंसर के कारण हो जाती है। पुरुषों में लंग्स और प्रोस्टेट कैंसर जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के मामले सबसे ज्यादा रिपोर्ट किए जाते रहे हैं। आनुवांशिकता के अलावा लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी को कैंसर का प्रमुख कारण माना जाता रहा है, स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं सभी लोगों को इस गंभीर रोग से बचाव के लिए निरंतर उपाय करते रहने की आवश्यकता है।
सर्वाइकल कैंसर के मामले पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं। सर्वाइकल कैंसर, महिलाओं के सर्विक्स (योनि को गर्भाशय से जोडऩे वाला हिस्सा) में विकसित होता है। इस कैंसर के ज्यादातर मामले (99 प्रतिशत) ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) के संक्रमण से संबंधित माने जाते हैं, जो यौन संपर्क के माध्यम से फैलने वाला एक बेहद आम वायरस है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इस कैंसर से बचाव के लिए दो उपाय करते रहना सभी महिलाओं के लिए बहुत आवश्यक हैं। इसकी मदद से आप कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम कर सकती हैं।
सर्वाइकल कैंसर बड़ा स्वास्थ्य जोखिम
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सर्वाइकल कैंसर महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य चिंता बनी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर दुनियाभर में महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे आम कैंसर है। अकेले साल 2020 में अनुमानित 604,000 नए मामले सामने आए और 342,000 मौतें दर्ज की गईं। हालांकि इसमें से अधिकतर मामलों को रोका जा सकता है।
दो उपाय- स्क्रीनिंग और टीकाकरण, इस गंभीर कैंसर के खतरे को कम करने और वैश्विक स्तर पर मृत्युदर से बचाने में विशेष लाभकारी साबित हो सकती हैं। कम उम्र से ये दोनों प्रयास वैश्विक स्तर पर होने वाले इस घातक कैंसर के खतरे से बचाने में मददगार हो सकते हैं। नियमित स्क्रीनिंग जरूरी
कैंसर से बचाव के लिए जरूरी है कि आप नियमित रूप से इसकी स्क्रीनिंग कराते रहें। सर्वाइकल कैंसर जैसे गंभीर मामलों में ये और भी आवश्यक हो जाता है।
सर्वाइकल कैंसर की जांच में पैप परीक्षण सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसमें किसी भी असामान्यता का पता लगाने के लिए कोशिकाओं की जांच की जाती है।
एक अन्य प्रभावी स्क्रीनिंग विधि एचपीवी परीक्षण है, जो सर्वाइकल कैंसर का कारण बनने वाले एचपीवी स्ट्रेन्स की उपस्थिति का पता लगाने में मदद करती है।
इसकी मदद से जाना जा सकता है आपमें कैंसर का खतरा तो नहीं है?
एचपीवी वैक्सीन से मिल सकता है लाभ
चूंकि सर्वाइकल कैंसर का प्रमुख कारण एचपीवी वायरस के कारण होने वाला संक्रमण है, इसलिए एचपीवी वैक्सीनेशन से इस कैंसर की रोकथाम में मदद मिल सकती है। एचपीवी के खिलाफ टीकाकरण, कैंसर के खिलाफ सुरक्षा की एक और परत प्रदान करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यौन रूप से सक्रिय होने से पहले लड़कियों को एचपीवी का टीका लगा लेना चाहिए।
डब्ल्यूएचओ कहता है 9 से 14 वर्ष की आयु की लड़कियों का टीकाकरण कराने से उन्हें इस घातक प्रकार के कैंसर से बचाव में मदद मिल सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, टीकाकरण और स्क्रीनिंग सर्वाइकल कैंसर को रोकने के सबसे प्रभावी तरीके हैं, इसके अलावा जीवनशैली में भी कुछ प्रकार के बदलाव करके कैंसर के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए जरूरी है कि सुरक्षित यौन संबंध बनाए जाएं। अध्ययनों में पाया गया है कि धूम्रपान से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए जरूरी है कि धूम्रपान से दूरी बनाई जाए। जिन लोगों के परिवार में पहले से कैंसर का जोखिम चला आ रहा है उन्हें और सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।